सूरह इखलास से जुदाई का अमल – Surah Ikhlas Se Judai Ka Amal, Wazifa, Dua, Istikhara, Upay, Tarika, वैसे तो जुदाई सुन कर ही दिल उदास और बेचैन हो जाता है, फिर भी यदि आप को किसी मे जुदाई करवानी है तो आज हम आपको दो लोगो में जुदाई का अमल और जुदाई पैदा करने का अमल बता रहे है. इसे जुदाई का सिफलि अमल भी कहा जाता है.
Surah Ikhlas Se Judai Ka Amal
परिवार और समाज में वैसे तो किसी की भी जुदाई अच्छी नहीं मानी जाती है, लेकिन कई रिश्तों में खराबियों और उससे परिवार और समाज हो़ने वाले नुकसान या कहें नकारात्मक प्रभाव को बेअसर करने के लिए जुदाई करवाना जरूरी हो जाता है।
सूरह इखलास से जुदाई का अमल – Surah Ikhlas Se Judai Ka Amal, Wazifa, Dua, Istikhara, Upay, Tarika
खासकर पति–पत्नी के रिश्तों में जब किसी दूसरे का प्रवेश हो जाता है तब दोनों के रिश्तों में आ जाती है। ऐसे में दुसरे पुरुष या दूसरी औरत के साथ बने संबंध को र्कुआन–ए–पाक में दिए गए सुरह इखलास से जुदाई का अमल खत्म किया जा सकता है।
सुरह इखलास का बहुत ही पावरफुल वजीफा है-
बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम कल हुवल लाहू अहद अल्लाहुस समद लम यलिद वलम यूलद वलम यकूल लहू कुफुवन अहद।
इस आयत के अमल को करने के लिए मौलवी से राय–मश्विरा कर निम्न तरीके का इस्तेमाल करना चाहिए।
सबसे पहले कपास के सात दानों का इंजताम करंे। इसे सात दिनों तक किया जाता है।
साफ चादर बिछाकर ताजा वजु कर लेंे। उसके बाद एक दाना अपने सामने रख लें। उसके बाद सुरह इखलास को 121 बार पढ़कर कपास के दाने दम करें।
इस दौरान उनका ख्याल करें जिनकी जुदाई करवानी हो। इस अमल को सात दिनों तक करने से दो लोगों के बीच नाजायज रिश्ते खत्म हो जाते हैं।
यह हिदायत दी जाती है कि किसी दंपति के बीच मधुर संबंध को खत्म करने के लिए इस अमल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अगर कोई औरत इसे करती है तो उसे पहले माहवारी से पाक–साफ हो जाना चाहिए।
दो लोगों में जुदाई का अमल
दो लोगों में जुदाई का अमल – Do Logo Me Judai Ka Amal, Wazifa, Dua, Istikhara, Upay, Tarika, दो लागों को एक–दूसरे से जुदा करना गलत हो सकता है, लेकिन अगर कोइ शख्स शादी से पहले किसी और से ताल्लुकात रखता है उनके संबंधों खत्म करने के लिए दो लोगों में जुदाई का अमल करना चाहिए।
- उनके बीच जुदाई के बीजारोपण र्कुआन मे ंदिए गए आयत को सही तरह से पढ़कर किया जाता है। उसका असर धीरे–धीरे होता है और एक समय ऐसा आता है जब दोनों के संबंध खत्म होकर एक जायज रिश्ते की बुनियाद मजबूत हो जाती हैं।
- इसी तरह से किसी औरत को लगता है कि उसका शौहर उसे नजरंदाज कर रहा है। इसके पीछे की मूल वजह उसका किसी दूसरी औरत के साथ चक्कर है तो उन दोनों को जुदा करने के वाजीफा पढ़ना चाहिए। दो लोगों को अलग करने का वजीफा पूरी तरह से हलाल और असरदार है। इसे निम्न तरीके से पढ़ना चाहिए।
- इस अमल को मागरीब की नमाज के बाद करना चाहिए। वजु बनाकर पहले 11 बार दरूद शरीफ को पढ़ें।
- उसके बाद आयत–उल–कुर्सी को 11 बार पढ़ें।
- फिर या ला मु मा बियना को 141 पढ़ते हुए उनके बारे में सोचें जिन्हें जुदा करने की इच्छा रखते हैं। इस दुआ को पढ़ते वख्त अपने मकसद को दिमाग में रखें। इस संबंध में किसी को एहसास तक नहीं होने दें। अल्लाह ताला से दो दिलों में नफरत पैदा करने की दुआ करें।
- अंत में दरूद शरीफ को एक बार फिर से 11 बार पढ़ लें।
- इसे 11 या फिर 21 दिनों तक कर सकते हैं। औरत को इसकी शुरूआत माहवारी खत्म होने के बाद करना चाहिए।
जुदाई पैदा करने का अमल
जुदाई पैदा करने का अमल – Judai Paida Karne Ka Amal, Wazifa, Dua, Istikhara, Upay, Tarika, दो लोगों के बीच जुदाई किसी एक के दिल में नफरत पैदा कर की जा सकती है। इस प्रयोग का इस्तेमाल खासकर वैसे प्रेमी प्रेमिका के लिए उपयोगी साबित हो सकता है, जिनके प्रेम पर कोई कब्जा कर लेता है।
इसी तरह से परिवार–समाज के बीच ताउम्र एक–दूसरे के साथ जीवन गुजारने का वादा करने वाले मिंया–बीवी के बीच जब कोई दूसरी औरत आ जाती है, तब इसकी जरूरत पड़ती है। ऐसे हालात में 11 दिनों तक निम्नलिखित तरीके के अनुसार वजीफा पढ़ना चाहिए।
Judai Paida Karne Ka Amal
- सबसे पहले दिए गए वजीफे को एक सादे कागज पर लिख लें। वजीफा है– वा अल कैना वैना हुमुल अदा वाता वी बाग जा इल्लाही युममल कल्यामह। इसके नीचे जिनके बीच जुदाई पैदा करनी है उनके नाम लिख दें।
- वजीफा लिखे कागज को सात बार मोड़कर काले धागे से अच्छी तरह बांध लें। उसे कब्रिस्तान में दो कब्रों के बीच दफन कर दें।
- घर आकर वजीफे को 111 बार पढें। इसे पढ़ने से पहले और अंत में 11-11 बार दरूद शरीफ अवश्य पढ़ लें।
- इस पूरी प्रक्रिया को रात के 11 बजे के बाद किया जाना चाहिए। ध्यान दें कि यह बहुत ही खतरनाक अमल है। इसलिए इसके लिए अल्लाह ताला की पहले इजाजत लेनी जरूरी होती है। यह किसी जानकार मौलवी के जरिए ही मिल सकती है।
- मोहब्बत को नफरत में बदलने वाले इस अमल को पूरी शिद्दत के साथ अल्लाहताला का ध्यान करते हुए 11 दिनों तक लगातर करना चाहिए।
जुदाई का सिफलि अमल
जुदाई का सिफलि अमल – Judai Ka Sifli Amal, Wazifa, Dua, Istikhara, Upay, Tarika, किसी के नाजायज रिश्ते को तोड़ना हो, या फिर किसी की बेशुमार मोहब्बत में से जबरन घुस आए संबंध को हटाना हो, उसके लिए जुदाई के सिफली अमल बहुत ही कारगर उपाय हो सकता है। सिफली अमल एक काला जादू है।
यह कहें कि टेढ़ी उंगली से घी निकालने को एक बेहद शक्तिशाली तरीका है। इसके प्रभाव से अपने पसंद के शख्स को मोहब्बत में वशीभूत कर लिया जाता है, जिससे उसके साथ गतल तरीके से बंधे व्यक्ति की स्वतः जुदाई हो जाती है।
इसकी मदद से किसी के बीच होने वाली अनैतिक या बेमल शादी को भी रोकी जा सकती है। इसका सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार है–
Judai Ka Sifli Amal
- रात को सोने से पहले साफ चादर बिछाकर बैठ जाएं। ताजा वजू बनाने के बाद इशा की नमा पढ़ लें। फिर 11 बार दरूद शरीफ और एक बार मुजम्मिल पढ़ें।
- उसके बाद 11 बार सुरह काफिरोन, सुरह इखलस, सुरह फलक, सुरह वनास और आयत–अल–कुर्सी पढ़ें। अंत में 11 बार फिर से दारूद शरीफ पढ़ लें।
- इसके पूरे होते ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और आत्मविश्वास इस कदर बढ़ जाएगा कि आप अपने प्रिय के साथ मिलने–जुलने में काफी सहज महसूस करेंगे।
- आपका यही व्यवहार अगर आपकी मोहब्बत को काफी मजबूत बना देगा और किसी और के लिए जुदाई का काम करेगा।
- जुदाई में कारगर सिफली के इस असरदार वजीफे को किसी को मोहब्बत में अपना दीवाना बना देने के अलावा विवाहितों और प्रमी–युगलों के लिए उपयोगी है।
- इस प्रयोग को कम से कम 11 दिनों तक लगातार करना चाहिए।